शेयर मार्केट को कैसे सीखें और उससे पैसा कैसे कमायें !
शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमायें ? ये प्रशन उन सभी के लिए होता है, जो शेयर मार्केट से पैसा कामना चाहता है। आज के ज़माने में इन्वेस्टमेंट पैसा कमाने का एक पर्याय बन चुका है। शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करके पैसा कमाने के लिए कुछ क़ाबलियत का होना बहुत जरुरी है। जैसे – जोखिम लेने का क्षमता, देखने का नज़रिया, सीखने की चाहत, दूरगामी सोच होना, बाजार की जानकारी होना और चीजों का विश्लेषण करना आना चाहिए। हर्षल महता की एक लाइन बहुत प्रसिद्ध रही थी कि, “शेयर मार्केट एक ऐसा कुआँ है, जो पूरे देश की प्यास बुझा सकता है।” चलिए जानते हैं कि शेयर मार्केट कैसे सीखें और उससे पैसा कैसे कमायें।
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क्या होता शेयर ?
शेयर का मतलब होता है, “हिस्सेदार” किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने का मतलब उस कंपनी का उतने शेयर के हिस्सेदार। अब उस कंपनी को फायदा हो या नुकसान हमें उसके हिसाब से हिस्सेदारी मिलेगी। एक फाइनेंस वर्ष में किसी कंपनी में जितना भी प्रॉफिट होगा। उस प्रॉफिट की हिस्सेदारी उस शख्स को मिलेगा जिसने उस कंपनी के शेयर खरीदे हुए होंगे। ऐसे में किस कंपनी के शेयर खरीदने हैं, उसका चुनाव अतिमहत्वपूर्ण होता है।
क्या है शेयर मार्केट ?
आसान शब्दों में अगर शेयर मार्केट को समझा जाए तो शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहाँ लिस्टेड कंपनी के शेयर्स की खरीद-फरोख्त होती है। भारत में NSE और BSE दो बड़े मार्केट है, जहाँ से शेयर ट्रेडिंग होती है। इस मार्केट में लिस्टिंग के लिए सेबी की अथॉरिटी लेनी होती है। साथ ही वो ही कंपनी को उसके बैलेंस शीट और अन्य कारक के हिसाब से लिस्ट करता है। आजकल शेयर ट्रेडिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म काफी उपलब्ध हैं। जैसे- ज़ेरोधा काइट, ग्रो मोबाइल ट्रेडिंग, एंजेल ब्रोकिंग स्टॉक इत्यादि।
शेयर मार्केट को कैसे सीखें
शेयर मार्केट को सीखने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। उसके बाद ही हमें शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहिए। ये बातें निम्नलिखित हैं –
1 . शेयर मार्केट की जानकारी
शेयर मार्केट की जानकारी वैसे तो प्रेक्टिकल ज्ञान है, लेकिन शुरू में बेसिक जानकारी होना आवश्यक है। ये जानकारी आपको किसी अनुभवी व्यक्ति या फिर शेयर मार्केट की बेसिक जानकारी की किसी किताब से ले सकते हैं। शेयर मार्केट की जानकारी के लिए आप निम्न किताब पढ़ सकते हैं –
2 .शेयर मार्केट कैसे काम करता है
स्टॉक्स मार्केट पर दो तरह की चीजे होती हैं – शेयर खरीदना और शेयर बेचना। शेयर मार्केट में ये शेयर खरीदना और बेचना ब्रोकर की सहयता से किया जाता है। आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए। ये डीमैट अकाउंट में ही आप अपने खरीदे हुए शेयर्स को रख सकते हैं। आजकल ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप के जरिये आप ऑनलाइन ही डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं, साथ ही ट्रेडिंग भी उस पर कर सकते हैं।
3 . शेयर मार्केट के रिस्क फैक्टर
मार्केट में ट्रेडिंग से पहले उसके रिस्क फैक्टर को समझना जरुरी है। आपको किसी भी कंपनी जिस पर आप पैसा लगा रहे हो उसकी ब्रांड वैल्यू को समझना होगा। किस तरह कंपनी के बैलेंस शीट दिख रही है, वो किस तरह आगे प्रोफॉर्म करेगी इसको समझना आना चाहिए।
4 . शेयर की प्राइस
शेयर मार्केट की प्राइस क्या है ? उसकी आगे क्या ग्रोथ होगी ? क्या उस शेयर में डिविडेंड मिलेगा या नहीं इन सबके बारे में जानना होगा।
5 . लिस्टेड कंपनी
शेयर मार्केट में पैसा लगाने से पहले ये जानना जरुरी है कि कंपनी लिस्टेड है या नहीं। अगर लिस्टेड है तो उसका आईपीओ कब निकला है। क्या वो कंपनी कॉल शेयर निकलती है या नहीं। इस सबके बारे में जानना जरुरी है।
मार्केट में स्टॉक्स के प्रकार
मार्केट में स्टॉक को तीन श्रेणियों में हम बाँट सकते हैं। लार्ज कैप, मिडकैप और स्माल कैप। चलिए जानते है, ये क्या होते है –
लार्ज कैप स्टॉक्स
इस तरह कंपनी बड़ी कंपनी होती है, जिनकी ब्रांड वैल्यू बहुत अधिक होती है। इस शेयर की कीमत काफी अधिक होती है, लेकिन उतनी ही स्टेबल होती है। ये बड़ी कंपनी अच्छा ही करती है। इन कंपनीज में बहुत ही कम जोखिम होता है। ये वक़्त पर अपने शरहोल्डर्स के लिए अलग से मुनाफा भी देती है। इनफ़ोसिस, विप्रो , टाटा , रिलाइंस इस तरह की कंपनीज हैं।
मिड कैप स्टॉक्स
ये मिड रेंज कंपनी होती है, लेकिन इनके शेयर अच्छा करने के लिए काफी संभावना होती है। इसमें थोड़ा जोखिम रहता है, क्योंकि इनके शेयर ग्रोथ कर रहे होते है। कभी -कभी बाजार की उठा-पटक में ये नेगेटिव भी परफॉर्म कर देते हैं।
स्माल कैप स्टॉक्स
इस तरह की कम्पनी नयी कम्पनी होती हैं। जिनका हम पता नहीं कर सकते कि ये आगे कैसे परफॉर्म करेंगी। लेकिन जितना रिस्क होता है उतना ही पैसा कमाने की सम्भवना भी होती है। इन कम्पनीज के शेयर काफी कम रेट पर हमें इशू होते है। अगर कंपनी अच्छा करती है तो उन शेयर्स की कीमत दिन दुगुनी और रात चौगनी वाला मुनाफा देती हैं।
कोई भी कंपनी जब अपना पहला शेयर मार्केट में लाती है तो उसे आईपीओ (Initial public offering) इशू करता है। आईपीओ की कीमत काफी कम होती है, जो आगे चलकर काफी बढ़ सकती है, अगर कंपनी अच्छा करे तो।
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करें
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे पहले आपको डीमैट खाता खोलना होगा। अपना किसी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये आप अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं। ज़ेरोढा में ट्रेडिंग आकउंट कैसे खोलें इसकी जानकारी आप हमारे पिछले आर्टिकल को पढ़ सकते हैं –Zerodha क्या है Zerodha लॉगिंग और ट्रेडिंग कैसे करें? पूरी जानकारी !
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए कुछ बातों का ध्यान देना जरुरी है।
- आपने जिस जगह ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाया है, वहां का ब्रोक्रेज चार्ज किस प्रकार और कितना है।
- आप किस तरह की ट्रेडिंग कर रहे है, इंट्राडे या इक्विटी।
- जिस शेयर में आप पैसा लगा रहे हो क्या आपने उस कंपनी की बैलेंस शीट को अच्छे से एनालिसिस किया है।
- आप NSE या BSE किस जगह आप अपना पैसा इन्वेस्ट कर रहे हैं।
- जिस स्टॉक में आपने पैसा लगाया है वो कंपनी शेयरहोल्डर का ख्याल किस तरह रखती है।
- अपने ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाते वक़्त अपनी सारी और सही जानकारी तो दी है।
- शेयर मार्केट रिस्क मार्केट है, क्या अपने जो शेयर ख़रीदे हैं उसकी ब्रांड वैल्यू कैसी है।
- ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट में ही आप शेयर को सेल कर सकते है, सेल करते ही आपके अकाउंट में पैसा आ जाता है।
- स्टॉक ट्रेडिंग पर सेबी की अथॉरिटी रहती है, इसलिए यहाँ गलत चीजे करना जैसे- इनसाइड ट्रेडिंग दंडनीय होता है।
शेयर स्टॉक्स के आर्थिक टर्म्स
मार्केट के कुछ टर्म्स हैं, जिन्हे जानना हमारे लिए जरुरी है।
शेयर
शेयर का मतलब होता है, “हिस्सेदार” किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने का मतलब उस कंपनी का उतने शेयर के हिस्सेदार। ब्रोक्रेज के द्वारा आप शेयर खरीद सकते हैं और उसे बेच सकते हैं। आजकल ऑनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं।
म्यूच्यूअल फंड्स
म्यूच्यूअल फंड्स के कुछ इस प्रकार के होते हैं –
1. Equity म्यूच्यूअल फण्ड
इस तरह के म्यूच्यूअल फंड्स में रिटर्न 12 से 15 % तक रहता है पर इसमें रिस्क भी उतना ही रहता है। इस फण्ड में इन्वेस्टर्स को दो विकल्प दिए जाते हैं पहला डिविडेंड स्कीम और दूसरा कैपिटल ग्रोथ का। लम्बे समय तक इन्वेस्टमेंट करने पर इसमें रिटर्न अच्छा मिलता है। कुछ इक्विटी फण्ड केटेगरी – मल्टीकैप फण्ड, लार्ज एवं मिडकैप फण्ड, स्माल कैप फण्ड
2. Debt म्यूच्यूअल फण्ड
Debt फण्ड ज्यादातर वो लोग लेते हैं, जो इन्वेस्टमेंट में स्टेबिलिटी रखना चाहते हों, जिन्हें रिस्कफ्री इन्वेस्टमेंट चाहिए होती है। साथ ही रिटर्न बेशक कम मिले पर इन्वेस्टमेंट हमेशा पॉजिटिव साउंड करें। इस तरह के फण्ड सरकारी सिक्योरिटी, बांड्स और डिबेंचर्स में इन्वेस्ट किये जाते हैं, जो रिस्क फ्री होते हैं। शेयर बाजार की उथल-पुथल से इस पर कोई इफ़ेक्ट नहीं पड़ता। इन फंड्स में 10 वर्ष की इन्वेस्टमेंट करने पर 8 से 10 % का रिटर्न मिलता है।
3. Hybrid म्यूच्यूअल फण्ड
Hybrid म्यूच्यूअल फण्ड मतलब Equity और Debt का मिला-जुला रूप। इस फण्ड में Equity और Debt दोनों ही तरह के म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट किया जाता है, जिसका फण्ड ratio 60 : 40 का होता है। इसमें आपको पहले ही बता दिया जाता है, आपका फण्ड कहाँ और किस फण्ड में इन्वेस्ट किया जा रहा है। ये एक बैलेंस्ड फण्ड होता है जिसमे 10 वर्ष की इन्वेस्टमेंट करने पर रिटर्न 10 % या इससे ऊपर ही रहता है।
म्यूच्यूअल फण्ड की पूरी जानकारी इस आर्टिकल में पढ़िए – म्यूच्यूअल फंड्स क्या है ? इंडिया के टॉप परफार्मिंग म्यूच्यूअल फंड्स
बांड
बांड कंपनी के लिए पैसा जुटाने के लिए एक साधन है। इसके अंतर्गत कंपनी अपने लिए पैसा जनता से पैसा जुटाती है। अगर कंपनी की वित्तीय स्तिथि अच्छी है तो बांड भी आपका स्टेबल होता है।
FAQ
Q 1. लोग कहते हैं कि शेयर बाजार एक ऐसा कुंआ है जो पूरे देश की प्यास बुझा सकता है क्या ये बात सच है?
ANS. जी हाँ, ये सच है।
Q 2. शेयर कितने तरीके के होते हैं ?
ANS. शेयर मुख्यत तीन प्रकार के होते हैं –
- इक्विटी शेयर
- प्रेफरेंस शेयर
- DVR शेयर
Q 3. बोनस शेयर क्या होते हैं ?
ANS. लाभदायक ट्रेडिंग होने के बावजूद, कुछ स्थितियां हैं जब कोई कंपनी लिक्विड फ़ंड में डिविडेंड का भुगतान करने में समर्थ नहीं होती है, लाभ योग्य धनराशि की संभावित कमी के कारण ऐसे मामलों में, कंपनी नकद में डिविडेंड का भुगतान करने के बजाय मौजूदा शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी करती है। इसे ही बोनस शेयर कहते हैं।
Q 4. फेस वैल्यू क्या है ?
ANS. हर स्टॉक का एक ऐसा PRICE भी होता है, जो कि रोजाना बदलता नहीं है, वो लगभग FIXED होता है, इस FIXED PRICE को उस शेयर FACE VALUE कहा जाता है।
Q 5. Darivatives क्या है ?
ANS. डेरिवेटिव्स कंपनी को भविष्य के कैश फ्लो का अनुमान लगाने में सक्षम बनाते हैं। यह कंपनियों को उनकी आय को प्रभावी ढंग से पूर्वानुमानित करने के लिए सहायता करता है। पूर्वानुमानिता स्टॉक की कीमतों के लिए सकारात्मक रुझान को प्रोत्साहित करती है।