SEBI Rule

शेयरों की बिक्री के लिए 14 नवंबर से लागू होगा ब्लॉक मैकेनिज्म, जानिए यह कैसे करेगा काम ?

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SEBI ने सेल ट्रांजैक्शंस के लिए निवेशकों के अपने डीमैट खाते में शेयरों को ब्लॉक करना 14 नवंबर से अनिवार्य कर दिया है।

SEBI ने सेल ट्रांजैक्शंस के लिए निवेशकों के अपने डीमैट खाते में शेयरों को ब्लॉक करना 14 नवंबर से अनिवार्य कर दिया है।

 इसके अंतर्गत सेल ट्रांजैक्शन करने निवेशकों के शेयरों को उनके डीमैट खाते में संबंधित क्लीयरिंग कॉरपोरेशन के पक्ष में ब्लॉक कर दिया जाएगा

 सेबी ने पिछले महीने जुलाई 2022 में ब्लॉक मैकेनिज्म को लाने का फैसला कर लिया था और उसे अब लागू भी कर दिया है।

 सेबी ने पिछले महीने जुलाई 2022 में ब्लॉक मैकेनिज्म को लाने का फैसला कर लिया था और उसे अब लागू भी कर दिया है।

निवेशकों के पास अर्ली पे-इन मेथड का विकल्प भी उपलब्ध है. इस विकल्प के तहत शेयरों के क्लाइंट के डीमैट खाते से संबंधित क्लियरिंग कॉरपोरेशन के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। 

अगर अर्ली पे-इन मैकेनिज्म के तहत सेल ट्रांजैक्शन पूरा नहीं हो पाता है तो उन शेयरों को वापस निवेशक के खाते में भेज दिया जाएगा. इस प्रक्रिया में समय भी लगता है और कीमत भी चुकानी होती है। 

सेबी ने अब डिपॉजिटरी, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन और शेयर बाजारों के साथ व्यापक परामर्श के बाद सभी अर्ली पे-इन ट्रांजैक्शंस के लिए ब्लॉक मैकेनिज्म को अनिवार्य कर दिया है। 

अगर सेल ट्रांजैक्शन पूरा नहीं होता है तो शेयर क्लाइंट के डीमैट खाते में बने रहेंगे। इसके अलावा ट्रेडिंग डे के आखिरी में ब्लॉक हटा लिया जाएगा।  शेयरों को ब्लॉक करने की प्रक्रिया टाइम बेसिस होगी।

अगर सेल ट्रांजैक्शन पूरा नहीं होता है तो शेयर क्लाइंट के डीमैट खाते में बने रहेंगे। इसके अलावा ट्रेडिंग डे के आखिरी में ब्लॉक हटा लिया जाएगा।  शेयरों को ब्लॉक करने की प्रक्रिया टाइम बेसिस होगी।

ब्लॉक घटक के तहत, क्लाइंट के डीमैट रिकॉर्ड में पड़े प्रस्तावों को ईडीआईएस कमांड या क्लाइंट/पूर्ण कानूनी प्राधिकरण द्वारा दिए गए वास्तविक डीआईएस (डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप) के मद्देनजर सेफ के वेब-आधारित ढांचे या वॉल्ट सदस्य का उपयोग करने में बाधा डाली जा सकती है।