El Salvador (bitcoin first legal country)

El Salvador (bitcoin first legal country)बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला पहला देश बना था। क्या ये उनके लिए एक असफल प्रयोग था?

El Salvador (bitcoin first legal country)बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला पहला देश बना था।  इसे देखकर आपको क्या लगता है कि ये क्रिप्टो की ताकत है या फिर ये एक विफलता है दुनिया के देशों की करेंसी के ऊपर। 

अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले की सरकार ने बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी को खरीदने के लिए 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च किये है, जो आज की डेट में अब तक कीमत आधी से कम रह गयी है। इससे क्या प्रूफ होता है की क्या अल सल्वाडोर ने अपना निर्णय गलत लिया था।

अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले एक संपूर्ण “बिटकॉइन शहर” का निर्माण का सपना देख रहे थे, जिसका उद्देश्य सरकारी बॉन्ड में $ 1 बिलियन डॉलर प्रदान करके अपने देश को सम्पन्न बना सकें।

2021 में, अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को कानूनी मान्यता दे दी गयी और ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके अध्यक्ष नायब बुकेले एक क्रिप्टो उत्साही हैं और उन्होंने कहा था कि बिटकॉइन विदेशी निवेश के लिए आकर्षण के केंद्र रहेगा, रोजगार पैदा करेगा, और “मानवता को कम से कम सही दिशा में सम्पन्न बनाने” में मदद करेगा। पर क्या ये सोच सही रही जिस तरह डिजिटल करेंसी के भाव गिरे उससे तो ये लगता है की उनकी दूरगामी सोच गलत साबित हुई।

El Salvador (bitcoin first legal country)

बुकेले के उदेश्य 

रिपोर्टों के अनुसार, बुकेले एक संपूर्ण “बिटकॉइन शहर” का निर्माण करने का सपना देख रहे थे, जिसका उद्देश्य सरकारी बांडों में $1 बिलियन डॉलर प्रदान करके अपने देश को सम्पन्न और ऋण मुक्त करना था। ये उसी तरह थे जिस तरह – मध्य अमेरिकी देश ने अपनी मुद्रा, कोलन को बदलने के लिए अमेरिकी डॉलर को 2001 में अपनाया था।

राष्ट्रपति द्वारा सत्यापित की गयी ये योजना अल सल्वाडोर के शहर पर बांड से आधे राजस्व खर्च करने और दूसरे आधे के साथ बिटकॉइन खरीदने की थी, जिसका उपयोग बांडधारकों को चुकाने और ऋण मुक्त के लिए प्रोत्साहित करना था। लेकिन यह वित्तीय प्रयोग लगभग पूरी तरह विफल साबित हुआ क्योंकि मुख्य रूप से अल सल्वाडोर के लोगों ने इस विचार को स्वीकार नहीं किया था। उनकी सोच राष्ट्रपति की सोच से मिलान नहीं कर पायी।

नागरिकों को इस योजना के माध्यम से प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने बिना किसी लेनदेन शुल्क के बिटकॉइन को सीधे डॉलर में व्यापार करने के लिए “चिवो वॉलेट” नामक एक ऐप बनाया। वॉलेट में बोनस के रूप में 30 डॉलर पहले से दिये गये, लेकिन इससे भी नागरिकों में उत्साह नहीं पैदा हो सका।

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असफलता का कारण 

फरवरी में एक रिपोर्ट के हिसाब से लगभग 1800 साल्वाडोरन घरों में किए गए एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 20 प्रतिशत आबादी बिटकॉइन लेनदेन के लिए चिवो वॉलेट एप का उपयोग कर रही थी। हालांकि, उस संख्या से लगभग दोगुने लोगों ने तो केवल US$30 का दावा करके उसे निकलने के लिए इस ऐप को  डाउनलोड किया।

यहां तक ​​कि जिन लोगों की पहचान उधोगों मालिकों के रूप में हुई, उनमें से केवल 20 प्रतिशत, मुख्य रूप से बड़ी कंपनियों के मालिकों ने कहा कि वे भुगतान के रूप में बिटकॉइन स्वीकार कर रहे हैं।

इस बीच, नायब बुकेले की सरकार ने बिटकॉइन खरीदने पर भारी पैसा लुटाया और  $100 मिलियन से अधिक खर्च किए, जिनकी कीमत घटकर अब $ 50 मिलियन से कम है, जो एक जुआ से कम साबित नहीं हुआ।

इस विफलता ने अल सल्वाडोर की क्रेडिट रेटिंग और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ संबंधों पर का गहरा और प्रतिकूल प्रभाव डाला है और निवेशकों को देश को उधार देने से सावधान और सतर्क कर दिया है। जिससे इस देश की मुद्रा को काफी छति पहुंची।

IMF की अल सल्वाडोर को सलाह 

इस साल की शुरुआत में, आईएमएफ ने अल साल्वाडोर से “वित्तीय और बाजार अखंडता, वित्तीय स्थिरता और उपभोक्ता संरक्षण के लिए बड़े जोखिम” के कारण बिटकॉइन की कानूनी ऋणदाता स्थिति में बदलाब कर उत्पन्न स्तिथि को उलटने का अनुरोध किया क्योंकि क्रिप्टोकुरेंसी अवैध गतिविधियों और अवैध तरीके से इसके उपयोग के लिए हमेशा से कुख्यात रही है और इसकी अस्थिरता के कारण भी।

लेकिन बुकेले, जिनकी सरकार आईएमएफ से $ 1 बिलियन से अधिक का ऋण मांग कर दी,  इस अस्थिरता को खत्म करने के लिए दी गयी सलाह पर एक मेम के साथ अनुरोध का जवाब दिया।

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