GPT Healthcare IPO को सब्सक्राइब करने से पहले ये जरूर देखें!

GPT Healthcare IPO को सब्सक्राइब करने से पहले इन 7 बातों पर जरूर जरूर ध्यान दें!

GPT Healthcare IPO को सब्सक्राइब करने से पहले इन 7 बातों पर जरूर जरूर ध्यान दें!

मार्केट में GPT Healthcare IPO आया हुआ है। कंपनी का मौजूदा प्लान है कि कंपनी इस आईपीओ की हेल्प से अभी के लिये 40 करोड़ रूपये 2.61 करोड़ शेयरों की विक्री से लगभग 540 करोड़ रूपये जुटाये। GPT Healthcare IPO का इश्यू 22 फरवरी को ओपन होने वाला है। 

ये हेल्थ केयर कंपनी पूर्वी भारत में अपनी हॉस्पिटल शृंखला के लिये जानी जाती है। ये कंपनी कई सालों से इस काम में लगी हुई है। अभी GPT Healthcare कंपनी अपना आईपीओ निकालकर लगभग 540 करोड़ रूपये जुटाने का प्लान बनाया है। इस आईपीओ की बात करें तो इसकी मूल्य सीमा 177 से 186 रूपये प्रति शेयर रहने वाली है। कंपनी ने अभी के लिये 40 करोड़ रूपये के लिए ताजा शेयर और 2.61 करोड़ शेयर विक्री के लिये रखे हुए हैं। जिससे लगभग 485 करोड़ रूपये का रेवेन्यू मिलेगा, जो की कंपनी के विस्तार में उपयोग में लाया जायेगा।

हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि कंपनी न्यूनतम आवेदन लॉट का आकार 80 शेयर का रहने वाला है। और कुल आईपीओ का 50% का लॉट योग्य संस्था के लिये, 35% व्यक्तिगत निवेशकों के लिये और शेष 15 % गैर-संस्थागत निवेशकों को आवंटित किया जायेगा। अतः अगर आपको इस आईपीओ में इन्वेस्ट करना है तो सब्सक्रिप्शन टाइम पर लेना होगा।

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GPT Healthcare IPO का सब्सक्रिप्शन डिटेल्स 

 

Issue Details
Issue opensFeb. 22
Issue closesFeb. 26
Total issue sizeRs 525 crore
Face valueRs 10 apiece
Fixed price bandRs 177-186 per share
Minimum lot size80 shares
ListingNSE and BSE

GPT Healthcare कंपनी का बिज़नेस 

 

कंपनी ने पूर्वी भारत में ILS Hospitals ब्रांड के तहत मध्यम आकार की पूर्ण सेवा अस्पतालों का एक समृद्ध श्रृंखला विकसित किया है। 2023 के सितंबर तक, यह चार मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों को संचालित कर रहा है, जो पश्चिम बंगाल के दम दम, सॉल्ट लेक, हावड़ा, और त्रिपुरा के अगरतला में स्थित हैं, और इनमें कुल 561 बिस्तर हैं।

यह स्वास्थ्य सेवाएँ 35 से अधिक विशिष्टताओं और सुपर विशिष्टताओं में प्रदान करता है, साथ ही एक -दूसरे से हेल्पिंग नेचर वाली डायगनोसिस और फार्मेसियाँ भी हैं।

सितंबर 2023 तक, प्रति बिस्तर पर कंपनी का औसत राजस्व 32,979 रुपये था, जिसके साथ बिस्तर अधिभोग 59.92% है। कंपनी ने रायपुर, छत्तीसगढ़, और झारखंड के रांची में दो ग्रीनफील्ड परियोजनाएं योजना बनाई हैं, जिनमें क्रमशः 152 और 140 बिस्तर होंगे।

GPT Healthcare IPO का सब्सक्रिप्शन लेने से पहले ये जोखिम देखें!

GPT Healthcare IPO का सब्सक्रिप्शन लेने से पहले ये जोखिम देखें!

GPT Healthcare IPO का सब्सक्रिप्शन लेने से पहले ये जोखिम देखें!

 

  1. इसके सारे हॉस्पिटल भारत के पूर्वी हिस्से में है और वहीँ से इसका सारा रेवेन्यू आता है। क्योंकि पूर्वी हिस्से में राजीनीति दखल अधिक देखा जाता है अगर वहां कोई बदलाव आता है इनके यहाँ भी किसी तरह की अस्थिरता रह सकती है।
  2. जीपीटी हेल्थ केयर का पूरा हिस्सा डॉक्टर्स पर आधारित होता है ऐसे में अगर डॉक्टर्स का मैनेजमेंट सही तरीके से नहीं हो पाता तो प्रॉब्लम देखी जा सकती है।
  3. जीपीटी हेल्थ केयर डॉक्टर्स के अलावा नर्स एंड स्टाफ पर भी आधारित होता है ऐसे में इनका मैनेजमेंट में भी गड़बड़ी इनके रेवेन्यू में प्रॉब्लम दे सकती है।
  4. GPT हेल्थकेयर व्यवसाय अपने ब्रांड और प्रतिष्ठा पर डिपेंड करता है। अगर यह अपने ब्रांड और प्रतिष्ठा को बनाए रखने और बढ़ाने में विफलता, और मीडिया में इसके खिलाफ कोई भी नकारात्मक प्रचार और आरोप लगता है तो इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है जिसकी वजह से इनके शेयर्स के दाम नीचे जा सकते हैं।
  5. क्योंकि ये शेयर स्वास्थ सेवा से जुड़ा हुआ है ऐसे में कॉम्पिटिशन भी उतना ही देखने को मिलता है ऐसे में GPT Healthcare का मैनेजमेंट इसकी मार्केट का सीधा प्रभाव पड़ेगा।
  6. जीपीटी हेल्थकेयर उद्योग अत्यधिक विनियमित है और जीपीटी हेल्थकेयर को वैधानिक और नियामक परमिट, मान्यता, लाइसेंस प्राप्त करने, नवीनीकृत करने और बनाए रखने और लागू सुरक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, श्रम और अन्य सरकारी नियमों का अनुपालन करने की आवश्यकता होती है। किसी भी तरह के परिवर्तन या ऐसे नियमों का उल्लंघन जीपीटी हेल्थकेयर व्यवसाय, वित्तीय स्थिति और संचालन के परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
  7. कुछ भूमि जिन पर दो जीपीटी हेल्थकेयर अस्पताल संचालित हो रहे हैं, वे जीपीटी हेल्थकेयर के स्वामित्व में नहीं हैं, लेकिन दीर्घकालिक आधार पर पट्टे पर हैं। इसके अलावा, जीपीटी हेल्थकेयर पंजीकृत कार्यालय जीपीटी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाली लैंड पर स्थित है और अल्पकालिक पट्टे के आधार पर जीपीटी हेल्थकेयर के पास है। ऐसे में मालिकाना हक़ न होने की वजह से कभी भी परिस्तिथि में व्यवधान पैदा हो सकता  है और उसके व्यवसाय, वित्तीय स्थिति, परिणामों पर भौतिक हानि भी हो सकती है। 

 

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