How to Start a Second-hand Car Showroom Business in India | भारत में सेकेंड-हैंड कार शोरूम बिज़नेस कैसे शुरू करें!
How to Start a Second-hand Car Showroom Business in India एक बड़ा प्रश्न है जो इस बिज़नेस को शुरू करना चाहते हैं। इसके साथ ही और भी बहुत प्रश्न है जो दिमाग में चलते रहते हैं, जैसे – how to start a used car business from home, used car business profit margin और मैन प्रश्न car showroom dealership cost कितना हो सकता है इत्यादि। इस तरह का पश्न इस तरह के बिज़नेस के लिए आने जरूरी भी है।
[lwptoc]
भारत में used car का मार्केट काफी तेज़ी से ग्रो हो रहा है। और ऐसा होने के कई कारण शामिल है जिसमें से मुख्य तौर पर बैंक्स के नयी कार लेने पर लगाये जाने वाला intrest हो या फिर कोई भी जब सबसे पहले कार लेता है तो वो ये ही सोचता है कि वो नयी कार की जगह पुरानी कार ले जिससे वो अच्छे से उसे चलाना सीख सके जिसे आम भाषा में हाथ का साफ़ करना कहते हैं। इसी वजह से second-hand कारों का चलन इंडिया में काफी जोर से है।
अब क्योंकी हम अगर इस मार्केट में उतरते है तो इन अवसरों का लाभ जरूर उठाना चाहिये। ऐसे में सबसे पहला प्रश्न ये सामने आता है कि How to Start a Second-hand Car Showroom Business in India! इस आर्टिकल में आपको ऐसे ही सवालों के जवाब के साथ आपको किस तरह से बाजार को समझना चाहिये, लोकल डिमांड क्या है वहां कि, लाइसेंसिंग और परमिट के लिए क्या करने पर चर्चा रखेंगे।
Market रिसर्च: इंडिया में used car का मार्केट कितना बड़ा है?
इंडिया में used car मार्केट 2024 के अंत तक 31.62 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, और 2029 तक 63.87 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो सकता है। 2019 में ये ही secod-hand कार मार्केट 24.24 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो अब आगे बहुत तेजी से ग्रो कर रहा है। इस तेजी का सबसे मुख्य कारण GST का 28% से 12-18% आना है। इसके अलावा भारतीय ऑटो उद्योग ने अप्रैल 2020 में बीएस-VI युग में कदम रखा है, जिससे सेकेंड-हैंड कारों का मूल्य भी बढ़ गया। महामारी के दौरान नकदी की कमी के कारण लोगों का used car में रुझान बढ़ा हुआ है। इस तरह से इस बिज़नेस में डिमांड काफी हाई है और ये बहुत बड़ा मार्केट बन चुका है।
How to Start a Second-hand Car Showroom Business in India
1. अपने Competitors को एनालिसिस करें –
Used car का शोरूम खोलने के लिए आपको अपने लोकल मार्केट का रिसर्च करके वहां अपने कॉम्पिटिटर्स के बारे में जान लेना आवश्यक है। आपको इस बात की पुस्टि अवश्य कर लेनी चाहिये की आपका कॉम्पिटिटर्स का शोरूम आपके पास तो नहीं है। उसकी used कार की कीमत क्या है? कहीं वो आपकी डील को हैक तो नहीं कर रहा है। साथ ही इस बात को निश्चित करना होगा कि वो क्या -क्या डील दे रहा है क्या आपकी डील उससे कम तो नहीं है। आपकी सर्विसेज ऑन डील और आफ्टर डील कैसी है। आप एक कस्टमर को कितना आश्वस्त करते हो।
2. लीगल requirements
How to Start a Second-hand Car Showroom Business in India के लिये लीगल रिक्वायरमेंट्स में सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप जो बिज़नेस करना चाहते हो वो एक बड़ी रूप में है या छोटे रूप में। जिस रूप में आप करना चाहोगे उसी के हिसाब से आपको आपकी जगह का निर्धारण और लीगल फॉर्मलिटीज तय करनी होगी। आपको कुछ लइसेंस की जरूरत पड़ेगी जो आपको सेकंड हैंड शोरूम के लिए आवशयक रहेगा –
Prerequisite Licenses for Used Car Dealership
No. | License/Permit | Description |
---|---|---|
1. | Used Car Dealership Business License | Obtain legal authority and build customer trust. |
2. | Franchise or Trademark License | Explore branding opportunities for a competitive edge. |
3. | Incorporation Certificate | Secure legal recognition as a separate entity. |
Operational Necessities
No. | Necessity | Description |
---|---|---|
4. | Facility Permit/License | Compliance with zoning regulations and building codes. |
5. | Non-Disclosure Agreement (NDA) | Safeguard business interests when dealing with confidential information. |
6. | Business and Liability Insurance | Protect assets and instill confidence in customers. |
7. | Employee Handbook (Optional) | Outline policies and expectations for a cohesive work environment. |
Financial and Regulatory Considerations
No. | Consideration | Description |
---|---|---|
8. | Taxpayer Identification Number (TIN) | Ensure proper tax compliance with a unique identifier. |
9. | Fire Certificate | Compliance with fire safety regulations for premises safety. |
10. | Insurance Policies | Additional coverage for inventory, employee health, and other risks. |
3. आपकी शोरूम की Location की उपयोगिता
How to Start a Second-hand Car Showroom Business in India में Used car शोरूम के लिये आपकी लोकेशन बहुत इम्पोर्टेन्ट रहने वाली है। क्योंकि उसी के आधार पर आपकी डील तय होने वाली है। आपका शोरूम अगर ऐसी जगह है जहाँ पहले से ही शोरूम वहां उपलब्ध है तो आपका शोरूम के चलने और डील क्रैक करने के चांस बहुत low रहेंगे। इसलिए शोरूम ऐसा होना चाहिये जहाँ अच्छा मार्केट हो और 5 किमी के रेडियस सर्किल में कोई भी दूसरा शोरूम उपलब्ध न हो।
4. एक ठोस इन्वेंट्री का निर्माण
आप एक अच्छी इन्वेंट्री के लिए आपके पास एक रिलाएबल सप्लायर्स होने बहुत जरुरी है। इस तरह आप उन गाड़ियों को डील कर सकते हैं जिनकी कंडीशन काफी अच्छी रही हो जो सिंगली हैंडेड चलायी गयी हो क्योंकि आपका मार्केट हर उस अच्छी कार की डील के साथ बनेगा जो अपने डील की होगी। आपको इस बात के लिए बहुत अच्छी तरह से आश्वस्त होना पड़ेगा की आपके पास जो कार आ रही है उसकी कंडीशन और पेपर वर्क सही है या नहीं। क्योंकि किसी भी तरह की प्रॉब्लम आपके लिए जी का जंजाल बन सकती है।
5. डीलिंग के लिए एक बिज़नेस मॉडल तैयार करें
How to Start a Second-hand Car Showroom Business in India में आपको एक बिज़नेस मॉडल तैयार करने की जरुरत होगी जिसमें फाइनेंसियल प्रोजेक्शन के साथ मार्केटिंग स्ट्रैडजी भी काम करेगी।
Finencial Projection: How Much Capital You Need to Invest?
इस डीलिंग के लिए एक फिनेंशल प्रोजेक्शन तैयार करना होगा जिससे हम एक खाका तैयार कर सके कि हमें कितने इन्वेस्टमेंट की जरुरत होने वाली है। उसके लिये हमें निम्न आधारों के आधार पर सोचना होगा। अगर आपके पास एक प्रोजेक्ट के लिए enough money है तो आप बिना सोचे समझे इस खड़ा कर सकते हैं पर अगर नहीं है तो आप लोन पर depend हो सकते हैं।
Expense | Purpose |
---|---|
Office or plot rent | Open the door to your entrepreneurial dreams. |
Legal charges | Navigate the legal landscape with sales and ownership agreements. |
Equipment (telephones, computers, etc.) | Arm your space with essential tools of the trade. |
Marketing and advertising costs | Propel your business into the spotlight online and offline. |
Consultation charges by the Accountant | Seek financial clarity from a seasoned professional. |
Stationery and office supplies | Keep the gears turning smoothly with the necessary supplies. |
2. Marketing strategy
आप अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए आपको अपने ब्रांड का प्रचार करना होगा। आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आपको अपने ब्रांड की ब्रांडिंग करनी होगी। इसके लिए आपको पम्पलेट, न्यूज़ पेपर में ऐड के साथ ऑनलाइन वेबसाइट या ऐप या पेड ऐड मार्केटिंग का भी रास्ता अपनाना होगा। उसके लिए आपको डिजिटल दुनिया में सोशल मार्केटिंग को अपनाना होगा। साथ ही आपको लोकल ब्रांडिंग के लिए लोकल न्यूज़ पेपर और पम्पलेट का use करना होगा।
Marketing Strategy | Key Actions |
---|---|
Online Presence | – Create a captivating website optimized for search engines. |
– Establish an active presence on social media platforms. | |
– Utilize online advertising for targeted reach. | |
– Encourage and showcase customer reviews for trust-building. | |
Offline Visibility | – Advertise in newspapers, magazines, radio, and television. |
– Install hoardings in strategic high-traffic locations. | |
– Introduce your business locally through pamphlet distribution. |
6. कस्टमर सैटिस्फैक्शन
How to Start a Second-hand Car Showroom Business in India के अंतर्गत अगर आपको अपने बिज़नेस को उचाईओं तक पहुँचाना है तो आपको आपकी की गयी डील को कस्टमर 100 परसेंट सैटिस्फाइड के साथ क्लोज होना पड़ेगा। क्योंकि कस्टमर सैटिस्फैक्शन ही आपकी ब्रांडिंग को बढ़ाने का सबसे अच्छा पहलु होने वाला है। आपकी सर्विस आपकी गाड़ी और आपका व्यवहार ही नयी गाड़ियों की डीलिंग का बिज़नेस लाकर देगा। इसलिए कस्टमर सैटिस्फैक्शन On deal और after deal दोनों ही ओर से सैटिस्फाइड होना जरुरी है।
निष्कर्ष
सेकेंड-हैंड कार शोरूम बिज़नेस कितना पैसा कमाने वाला हो सकता है। यहां तक कि जो लोग अपार संपत्ति के मालिक हैं वे भी अब पुरानी कारों से परहेज नहीं करते। बात यह है कि सेकेंड-हैंड वाहनों की कम होती है और वे आम लोगों के बजट के अनुकूल होते हैं, जिससे used कार उद्योग तेजी से ग्रो हो रहा है। इसके अलावा, सेकेंड-हैंड कार शोरूम खोलने के लिए आपको किसी महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता नहीं है, आपको बस एक अच्छी फिनेशल समझ, एक अच्छी बिज़नेस प्लान और कुछ पैसे के साथ सही मार्केटिंग स्ट्रैडजी की आवश्यकता होती है।