आप अपने क्रेडिट स्कोर में कैसे सुधार ला सकते हैं जरूर जाने।

Cibil Score या credit score या गुड क्रेडिट क्या है पूरी जानकारी

 Cibil Score या credit score या गुड क्रेडिट क्या है पूरी जानकारी

क्या आप जानते हैं Credit Score या Cibil Score क्या है ?  Good Credit क्या होता है ? आपने देखा होगा कि बहुत से लोग अपना क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर जानने के बाद ये बोलते है कि मुझे लोन नहीं मिल पायेगा मेरा सिबिल स्कोर ख़राब है। ये क्या होता है इसे जानने के लिए हम इस तरह समझ सकते हैं कि जब भी हम कोई भी सामान खरीदने के लिए लोन के लिए अप्लाई करते है तो जिस फाइनेंसियल इंस्टीटूशन से हम लोन लेना चाहते हैं वो हमारा सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर देखता है और उसी आधार पर वो हमे लोन के लिए एलिजिबल मानता है। अगर आप जानना कहते हैं की ये क्या है और कैसे काम करता है तो इस Article को पूरा पढ़ें।

Credit Score या Cibil Score क्या होता है

जब हम क्रेडिट या सिबिल स्कोर की बात करते हैं तो ये कस्टमर का पिछले एक साल का डाटा होता है। अगर उसने किसी भी संस्था या बैंक से लोन लिया होता है जो उसे सही टाइम पर चुकाना होता है।  अगर वो उसे सही टाइम पर चुका देता है तो उसका क्रेडिट या सिबिल स्कोर अच्छा होगा और अगर उसने ऐसा नहीं किया होगा तो उसका स्कोर अच्छा नहीं माना जयेगा। क्योंकि अपने पिछले लोन को उसके तय वक़्त पर नहीं चुकाया गया है तो वो आगे लोन लेने  के लिए एलिजिबल नहीं माना जा सकता। TransUnion Cibil भारत की सर्वप्रथम क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो है और इसी तरह की कई कंपनियां अभी अस्तित्व में हैं जिनका काम होता है ऐसे लोगों का डाटा रखना जो लोन लेते हैं और उनको तय टाइम पर चुकाते हैं या नहीं।

क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिये 

क्रेडिट स्कोर का निर्धारण उसके क्रेडिट लेने की रेटिंग से किया जाता है। क्रेडिट स्कोर का स्टैण्डर्ड वैल्यू जो होती है वो 750 होती है। अगर कोई व्यक्ति को लोन लेना होता है तो उसके डाटा की क्रेडिट वैल्यू देखी जाती है अगर उसकी क्रेडिट वैल्यू 750 से कम होती है तो उसका सिबिल स्कोर कम माना जाता है ऐसे में उसे लोन मिलना काफी मुश्किल रहता है जबकि अगर क्रेडिट वैल्यू 750 से अधिक होती है तो उसे लोन मिलना आसान होता है।

क्रेडिट स्कोर का निर्धारण कैंडिडेट के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर किया जाता है की उसने किसी बैंक या फाइनेंसियल इंस्टीटूशन से कितना लोन और कब लिया ? क्या उसने उसे टाइम पर चुकाया या नहीं ? उसके पास क्रेडिट कार्ड जो है उसका पेमेंट वो टाइम से करता या नहीं ? क्रेडिट स्कोर का निर्धारण वक्त पर कर्ज चुका रहे हैं या नहीं इस पर 30% सिबिल स्कोर बनता है। सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड लोन पर 25%, क्रेडिट एक्सपोजर पर 25% और कर्ज के इस्तेमाल पर 20% सिबिल स्कोर बनता है।

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क्रेडिट स्कोर कैसे बढ़ाएं

क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए –

  1. क्रेडिट कार्ड बिलों का समय से भुगतान करना चाहिए।
  2. अपने क्रेडिट कार्ड का बकाया कम करना चाहिए।
  3. क्रेडिट रेटिंग को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए।
  4. अगर क्रेडिट स्कोर कोई गलती आ रही है तो उसे ठीक करना चाहिए।
  5. एक साथ कई लोन नहीं लेने चाहिए।

अपना सिबिल रिपोर्ट कैसे उपलब्ध करायें

सिबिल रिपोर्ट जानने के लिए सिबिल की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरकर 500 रूपये का पेमेंट करने के बाद एक फॉर्म भरा जायेगा। एक बार ऑथॉरिज़ेशन प्रोसेस होने के बाद आप अपनी सिबिल रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हो। इस सिबिल स्कोर के आधार पर ही आप अपना क्रेडिट स्कोर और लोन की रिपोर्ट के वारे में जान सकते हैं। इसके अंदर आप होम लोन, ऑटो लोन , क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन और ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी का विस्तृत अध्ययन होता है। अपना सिबिल स्कोर जानने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये [su_button url=”https://www.cibil.com/freecibilscore” style=”3d”]click here [/su_button]

गुड क्रेडिट

जब आप कोई भी लोन लेते हैं तो आप उसको टाइम से चुकाने या नहीं चुकाने पर एक रेटिंग आपको सिबिल या क्रेडिट स्कोर दिया जाता है उस रेटिंग के आधार पर ही आपकी लाइबिलिटी देखी जाती है और गुड क्रेडिट भी सारी रेटिंग के आधार पर किया जाता है।

  • सिबिल ऐसे लोगों को देखता है जिनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती उन्हें वो 300 का स्कोर देता है इसके अलावा डिफाल्टर को भी वो 300 की ही रेटिंग देता है। ऐसे व्यक्ति को लोन नहीं मिल पाता।
  • ऐसे लोग जिनकी क्रेडिट स्कोर 350 से 650 के बीच में रहता है उनको कोई भी फाइनेंसियल संस्था लोन कभी नहीं देती क्योंकि इस स्कोर पर ऐसा समझा जाता है की उक्त व्यक्ति अपना लोन नहीं चुकाता है। अगर लोन मिल भी जाये तो उसकी इंट्रेस्ट रेट ज्यादा होती है।
  • ऐसे लोग जो 650 से 700 के बीच आते हैं वो लोग शर्तों के साथ लोन लेने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं लेकिन लोन की शर्तें उनके लिए अनुकूल नहीं होती हैं।
  • 700 से 750 के बीच आने वाले लोगों का क्रेडिट स्कोर सामान्य माना जाता है अतः आप लोन कुछ शर्तों के साथ मिल जाता है।
  • 750 से 800 के बीच क्रेडिट स्कोर रखने वाले लोगों को लोन लेने में किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है क्योंकि उनकी पिछली स्थिति अच्छी मानी जाती है।
  • 800 से ऊपर क्रेडिट स्कोर रखने वाले लोगों को लोन बड़ी आसानी से मिल जाता है उनको लोन लेने में किसी तरह की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

उपरोक्त तथ्यों में एक बात ध्यान ये रहे की सिर्फ क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर ही लोन लेने के लिए पर्याप्त नहीं माना जाता और भी कई चीजें लोन लेने में निर्धारित करती हैं।

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निष्कर्ष

उपरोक्त तथ्यों के आधार पर हम ये निष्कर्ष निकाल सकते हैं की सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर लोन लेने के लिए जरुरी है अगर आपको लोन लेना है तो आपको अपनी रेटिंग अच्छी रखनी होगी। साथ ही इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि रेटिंग ही लोन लेने के लिए सब कुछ नहीं है। रेटिंग एजेंसी अपना सिबिल स्कोर निकालने के लिए अपना अलग -अलग फॉरमूला बनाती है लेकिन कोई भी फार्मूला तब सही बन जाता है जब आप अपने लोन को सही टाइम से चुकाते हैं।

 

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