कूरियर सर्विस बिज़नेस प्लान कैसे शुरू करें | How to start courier service business – सालाना 5 से 10 लाख रूपये कमायें।
डिजिटल भारत ये टर्म अब एक सपना नहीं रह गया है अब डिजिटल युग की शुरुआत भारत में हो चुकी है। कैश पेमेंट का विकास, बढ़ता ऑनलाइन व्यापार, बढ़ती खरीदारी और बढ़ता कूरियर सर्विस का व्यापार अब इसमें कुछ भी नया नहीं रह गया। दिनों-दिन मांग बढ़ती जा रही है और कूरियर सर्विस की मांग उतनी ही चरम पर पहुंच रही है। ऐसे में कूरियर सर्विस का बिज़नेस या स्टार्ट अप एक बहुत ही मुनाफे का बिज़नेस बनता जा रहा है। आप कुछ पैसों से साथ ये सर्विस शुरू कर सकते हैं और कुछ ही दिनों में अच्छा मुनाफा कमाने वाला बिज़नेस बना सकते हैं, चलिये जानते हैं इस व्यापार के बारे में।
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कूरियर सर्विस बिज़नेस क्या है
कभी न कभी आपने ऑनलाइन खरीदारी जरूर की होगी अमेज़न या फ्लिपकार्ट या ऐसी ही किसी और कंपनी के माध्यम से। जब आपका प्रोडक्ट आपके पास पहुँचता है तो उस प्रोडक्ट को पहुंचाने की जिम्मेदारी कूरियर सर्विस की होती है। डिजिटल युग के इस दौर में आप अपने घर से बैठे-बैठे कहीं का भी प्रोडक्ट आर्डर कर सकते हैं और वो प्रोडक्ट आपके पास पहुंचना जिसके लिए आप कुछ उस कंपनी को चार्ज देते हैं और उसमें ही कूरियर सर्विस का चार्ज छुपा रहता है। ये चार्ज ही कूरियर कंपनी का सर्विस चार्ज होता है। अब आप सोचिये कि ये प्रोडक्ट्स आज लाखों की तादात में रोज पूरे इंडिया में डिलीवर किये जाते है जिससे इन कूरियर कंपनी की आमदनी भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
कूरियर सर्विस बिज़नेस मॉडल भारत के सन्दर्भ में
कूरियर सर्विस बिज़नेस मॉडल की बात करें तो ये ऐसा बिज़नेस मॉडल है जो काफी ग्रोथ ले रहा है। 2014 में इस बिज़नेस मॉडल की बात करें तो उस टाइम इसकी नेट वर्थ वैल्यू 14 हज़ार करोड़ रूपये की थी जो आज बढ़कर 20 हज़ार करोड़ हो चुकी है। पिछले 5 सालों में डिजिटल मार्केट की बढ़ती मांग ने कूरियर सर्विस बिज़नेस को भी काफी ग्रोथ दी है। ऑनलाइन शॉपिंग और बढ़ती आर्थिक गतिविधियों ने इस बिज़नेस की मांग और बढ़ा दी है। आने वाले सालों में भारत के अंदर ये बिज़नेस 15 से 20 % की ग्रोथ लेगा। ये इंड्रस्ट्री लगभग 18 से 20 लाख लोगों को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से रोजगार दे रहा है। भारत की द्रष्टि से देखा जाए तो ये इंडस्ट्री का भविष्य काफी अच्छा रहने वाला है।
भारत में कूरियर बिज़नेस कैसे शुरू करें
भारत में कूरियर सेवा दो तरह से शुरू कर सकते हैं –
1. स्वयं की कूरियर कंपनी खोलकर
स्वयं की कंपनी ऐसा सुनकर ही मन बड़ा खुश हो जाता है, लाखों सपनों का वर्ड है ये word स्वयं की कंपनी । कूरियर कंपनी को खोलने के लिए इन्वेस्ट की जरुरत होती है अगर आपका बजट अच्छा है तो आप खुद की कूरियर कंपनी खोल सकते हैं। कूरियर कंपनी के लिए बहुत सारे एम्प्लोयी, कम्प्यूटर्स, मशीनरी,रॉ मैटेरियल, ट्रांसपोर्टेशन इत्यादि की जरुरत होती है इसलिए आपको इन्वेस्टर्स की जरुरत होगी जो आपके लिए पर्याप्त धन जुटा पायें। एक बार धन जुटाने के बाद आप अपनी लोजेस्लेटिक कूरियर कंपनी ओपन कर सकते हैं और उसे मैनेज कर सक्सेसफुली रन कर सकते हैं।
2. किसी बड़ी कूरियर कंपनी की फ्रेंचाइज़ी लेकर
एक बड़ी कूरियर कंपनी की फ्रेंचाइज़ी लेकर आप कूरियर सर्विस का बिज़नेस कर सकते हैं। फ्रेंचाइजी किसी भी बड़ी कंपनी आसानी से ऑफर करती हैं यदि आप उनके बताये गये रूल्स को फॉलो करते हैं तो। इसमें ज्यादा पेसों की आवश्यकता नहीं पड़ती है क्योंकि फ्रेंचाइज़ी बड़ी कंपनी का विस्तार होता है और उन्हें वहां से कमीशन भी मिलता है। आपके लिए बड़ी कंपनी के साथ जुड़ने से उसकी ब्रांड वैल्यू भी आपको मिलती है और लीगल फॉर्मलिटीज की भी इतनी आवश्यकता नहीं होती। फ्रेंचाइजी लेने के लिए आपको निम्नलिखित चीजों की जरुरत होगी।
- फ्रेंचाइजी के लिए आपको सबसे पहले उस कंपनी की पात्रता और रूल्स को समझना होगा जो उसने फ्रेंचाइजी देने के लिए मांगी है।
- आपको उपयुक्त दस्तावेज़ और फॉर्म को सही तरह फाइल करना होगा।
- जिस जगह आप फ्रेंचाइजी खोलना चाहते हैं उसकी पूरी डिटेल्स आपको देने होंगे।
- कूरियर कंपनी के द्वारा एक निर्धारित राशि आपको जमा करनी होगी जो फ्रेंचाइजी के लिए उक्त कंपनी द्वारा निर्धारित कर रखी होगी।
- आपके पास बैंक डिटेल्स, बैंक स्टेटमंट, वित्तीय स्टेबिलिटी का लेखा जोखा दिखाना होगा।
- आपको उस कूरियर कंपनी से करार करना होगा जिससे आप फ्रेंचाइजी ले रहे हो।
- आपको अपने एम्प्लोयी और ट्रांसपोर्टेशन अगर है तो उसकी जानकारी देनी होगी।
- इसके बाद आपकी फाइल के पास होने के बाद कूरियर हेड ऑफिस से आपको स्वीकृति पत्र के साथ ही आप अपना बिज़नेस चालू कर पाएंगे।
भारत की बड़ी कूरियर सर्विस कंपनी
- भारतीय डाक विभाग
- DTDC कूरियर एंड कार्गो लिमिटेड
- DHL इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- ब्लू डार्ट एक्सप्रेस लिमिटेड
- FEDEX इंडिया
- फर्स्ट फ्लाइट
- TNT एक्सप्रेस
- गति लिमिटेड
कूरियर सर्विस बिज़नेस की आवश्यक जानकारी और सामग्री
कूरियर सर्विस खोलने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है जो निम्न हैं –
1. ऑफिस लोकेशन
कूरियर सर्विस में लोकशन बहुत बड़ा फैक्टर है इसलिए इसे बड़ी सावधानी से इसका चयन करना चाहिये। अगर आप ऐसे लोकेशन का चुनाव करते हैं जहाँ ऑफिस हों तो वो आपके लिए अच्छा होगा। वहीँ दूसरी और अगर ऑफिस लोकेशन गृह आवासों के पास है तो वो भी अच्छा है। लेकिन सबसे अच्छा आप उस ऑफिस का चुनाव करें जहाँ ऑफिशल बिल्डिंग्स, व्यापारिक प्रतिस्थान और घरेलु कॉलोनी आस-पास हों जिससे आपका बिज़नेस अच्छा ग्रोथ करे।
2. आवश्यक ऑफिस सामग्री
कूरियर कंपनी के लिए कुछ निम्न ऑफिस उपकरणों की जरुरत पड़ती है –
- कंप्यूटर
- प्रिंटर्स
- रॉ मटेरियल
- भारी सामान उठाने के लिए मशीन
- MICR टिकेट्स
- ट्रांसपोर्टेशन के लिए गाड़ियाँ
- वेट मशीन इत्यादि
3. रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज
- अपनी ऑफिस साइट लोकेशन का प्रारूप।
- आपके सारे डाक्यूमेंट्स जैसे – पैन कार्ड, आधार कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, लीज एग्रीमेंट, बैंक डिटेल्स इत्यादि।
- अगर पार्टनरशिप में कंपनी है तो पार्टनरशिप डीड।
- आपकी कंपनी की प्रोसेस का पूरा व्यौरा।
- नगर निगम और फायर विग्रेड के दस्तावेज़।
- कंपनी के एम्प्लोयी की डिटेल्स।
- तरह-तरह की सेवाएं प्रदान करने के लिए उनसे जुड़े दस्तावेज जैसे – फ़ूड प्रोसेसिंग के लिए FFSI लाइसेंस।
- GST रजिस्ट्रेशन दस्तावेज इत्यादि।
4. रजिस्ट्रेशन प्रोसेस और लाइसेंस
- सबसे पहले जिस कंपनी का फ्रेंचाइजी ले रहे हैं वहां जाकर आपको वहां के रूल्स और रेगुलेशन की जानकारी ले और उनके लिए क्या जरुरी डाक्यूमेंट्स है उनकी एक लिस्ट बनायें।
- अगर खुद की कंपनी है तो अपने प्रोपराइटरशिप लेटर हेड पर आवेदन करना होगा।
- नगरपालिका और फायर विग्रेड ऑफिस में जाकर उनसे जुड़े लाइसेंस प्राप्त करने होंगे।
- आवेदन पत्र के हिसाब से अलग-अलग शुल्क भुगतान करें।
- अगर पार्टनरशिप में है आपकी कंपनी तो उससे जुड़े एग्रीमेंट या डीड या उससे जुडी सारी जानकारियां और दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं।
- अगर कंपनी के अंदर निवेशकों ने अपना पैसा लगाया है तो उससे जुड़े सारे दस्तावेज और जानकारियां आवेदन के साथ उपलब्ध करानी होगी।
- ऑफिस कर्मियों, ड्राइवर्स और सुरक्षाकर्मी सबकी जानकारी देनी होगी।
- कंपनी होने का प्रूफ सर्टिफिकेट देना होगा।
- कंपनी की बीमा पॉलिसी और उससे जुड़े दस्तावेज़ उपलब्ध कराने होंगे।
इस तरह आप अलग-अलग लाइसेंस के साथ अपनी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को पूरा कर सकते हैं।
कूरियर सर्विस बिज़नेस की लागत और सर्विस चार्जेज
कूरियर सर्विस की निर्धारित राशि और उसकी लागत से अलग खुद को भी उसका पूरा व्यौरा बना लेना चाहिए। सामान की लेनदेन या फिर माल पहुंचाने की दिक्कत या किसी और वजह से लगने वाले अनावश्यक खर्चे उसका भी एक बार अवलोकन कर लेना चाहिए। इसके तमाम खर्चों के आधार पर एक लिस्ट तैयार कर लेनी चाहिए जिसके बाद आप उसे इम्प्लीमेंट कर पायें। इसके लिए कुछ आवश्यक बातों का विचार आवश्यक है जो निम्न हैं –
1. ट्रांसपोर्टेशन की सुबिधा के आधार पर
आप जिस माल को गंतव्य तक पहुंचाने जा रहे हो उसे पहुंचने के लिए होने वाली प्रॉब्लम और सहजता , उसकी डिस्टेंस के आधार पर अपने चार्ज लगाने चाहिए। अगर किसी दूर देहात में पार्सल पहुंचना है तो उसके चार्ज अधिक लगेंगे और किसी सिटी या ट्रांस्पोर्टेशन जहाँ से अच्छा हो वहां के सर्विस चार्ज कम होंगे।
2. समय और पार्सल के वजन के आधार पर
आप जिस पार्सल को पहुँचा रहे है उस पार्सल को पहुंचने में लगने वाला समय और उस पार्सल की वजन के आधार पर भी आप ज्यादा चार्ज करते हैं। पार्सल का वजन ज्यादा होने पर उसे शिफ्ट करना, उसे लोड करना और उसे सेफ्टी से ले जाना एक कठिन काम है जिसमें टाइम भी खर्च होता है। ऐसे में जहाँ आप 10 पार्सल को पहुंचा सकते थे, वहां सिर्फ एक पार्सल को ही पहुंचा पाते है तो चार्ज उसका ज्यादा लगना ही चाहिए।
3. ब्रोक्रेज या क्रॉकरी आइटम के आधार पर
क्रॉकरी आइटम या ब्रोक्रेज आइटम या कांच के आइटम जो जल्दी से टूट जाते हों, उनको सेफ्टी से पहुँचाने के लिए आपको एक्स्ट्रा मैटेरियल और अच्छी पैकजिंग की आवश्यकता होती है। ऐसे आइटम के लिए एक्स्ट्रा चार्ज की आवश्यकता होती है क्योंकि ऐसे आइटम की जिम्मेदारी आपकी होती है की वो सही सलामत पहुंच सकें।
4. कूरियर सर्विस के कॉम्पिटिटर के आधार पर
कूरियर सर्विस के कॉम्पिटिटर क्या चार्ज कर रहे हैं इसका ध्यान रखना अति आवश्यक है। अगर आप अपने कॉम्पिटिटर से ज्यादा चार्ज करेंगे तो आपके बिज़नेस के लिए अच्छा नहीं है। मगर इस बात का ख्याल भी रखना चाहिए की वो सर्विस किसी दे रहा है। अगर उसकी सर्विस अच्छी नहीं है और वो कम चार्ज कर रहा है तो इससे आपको डरने की जरूरत नहीं। सबसे पहला रूल इस सर्विस का ये है कि आप कस्टमर सेटिफेक्शन कितना कर पाते हो अगर वो अच्छा है तो आपका बिज़नेस ग्रोथ करेगा।
5. इमरजेंसी सर्विस के आधार पर
कभी-कभी आपके पास ऐसे पार्सल भी आएंगे जो इमरजेंसी सर्विस वाले होंगे मतलब आपको जल्दी डिलीवर करने होंगे। इस प्रकार के पार्सल पर चार्ज अधिक लगेगा साथ ही कुछ पार्सल छुट्टी के दिन डिलीवर करने पर भी अलग से चार्ज लगाया जाता है।
कूरियर सर्विस बिज़नेस में इन आधारों पर अपनी रेट्स और लागत का अनुमान लगाया जा सकता है।
कूरियर सर्विस बिज़नेस में होने वाली कमाई
इस बिज़नेस से होने वाली कमाई का अंदाज़ा लगाना कठिन है लेकिन एक नज़रिया जरूर ले सकते है। आमतौर पर शुरू में आप अगर फ्रेंचाइजी के साथ इस बिज़नेस को करते हैं तो आपकी लागात और खर्चे को निकालकर कुछ ही महीनों के अंदर 1 से 2 लाख के बीच कमा सकते है। आप अगर खुद के पैसे लगाकर इस बिज़नेस को करते हैं तो ये मुनाफा 2 लाख के करीब हो सकते है।ध्यान दिया जाए तो ऐसा माना जा सकता है कि जितना जल्दी आपका बिज़नेस ग्रोथ करेगा वो उतना ही अधिक मुनाफा देगा। मुनाफा पूरी तरह से आपके स्मार्ट निर्णय, आपके एम्प्लोयी की मेहनत और टाइम का उपयोग पर निर्भर रहता है।
FAQ
Q1. कूरियर सर्विस बिज़नेस में खुद का बिज़नेस ज्यादा अच्छा है या फ्रेंचाइज़ी का ?
Ans. ये आप पर आधारित है कि आप इसे किस तरह से देखते हैं क्योंकि दोनों की ही अच्छाइयाँ और खामियाँ दोनों हैं। अगर आपके पास पैसा अच्छा खासा है तो आप खुद का बिज़नेस करने में ज्यादा फ़ायदा है लेकिन पैसा उतना नहीं है तो आपको फ्रेंचाईज़ी पर ही निर्भर रहना होगा।
Q 2. कूरियर सर्विस बिज़नेस के लिए कितनी धनराशि की लागत लगती है ?
Ans. अगर आप फ्रेंचाइजी लेते हैं तो आप 1 से 2 लाख रूपये में अपना काम स्टार्ट कर सकते हैं मगर खुद करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको 10 से 30 लाख रूपये की जरुरत होगी।
Q 3. किस तरह के सामान की डिलीवरी इस बिज़नेस में की जाती है?
Ans. इस तरह के बिज़नेस में आपकी सुलभता के साथ हर तरह का सामान डिलीवर किया जा सकता है। जिसमें दस्तावेज़, गिफ्ट आइटम, क्रॉकरी का सामान, घरेलु सामान और अब तो अमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट के प्रॉडक्ट में सभी तरह का सामान भेजा जा सकता है।
Q 4. क्या कस्टमर सामान को ट्रैक कर सकता है ?
Ans. आजकल कंसाइनमेंट नंबर के आधार पर कस्टमर अपना सामान ट्रैक कर सकता है। ये ट्रैकिंग सिस्टम कूरियर सर्विस प्रोवाइडर द्वारा उपलबध कराई जाती है।
Q 5. क्या सामान के टूटने या खोने पर उसका हर्ज़ाना कूरियर कंपनी वहन करती है ?
Ans. जी हाँ, सामान के टूटने या खोने पर उसकी क्षतिपूर्ति कूरियर कंपनी के द्वारा किया जाता है इसलिए कूरियर कंपनी इन्सुरेंस कराती है।
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