पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट

पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट और 50/30/20 रूल ! क्या आप जानते हैं ?

पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट और 50/30/20 रूल ! क्या आप जानते हैं ?

अपने ही पैसे का फाइनेंस मैनेजमेंट कैसे करें ? कोरोना ने हमें ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि प्रॉब्लम सिर्फ हम तक ही सिमित नहीं है, वो वर्ल्ड वाइड आ सकती है। कोरोना हमें सिखा दिया कि हमें पर्सनल फाइनेंस को मैनेज करने की कितनी जरूरत है। जो लोग फाइनेंस से जुड़े है वो पर्सनल फाइनेंस की अहमियत को बड़े अच्छे से जानते हैं और उसे फॉलो करते भी हैं। लेकिन हर कोई इसे नहीं जनता और वो उसका नुकसान उठाते हैं। सिर्फ पैसा कमाना ही सबकुछ नहीं होता पर उसे मैनेज करना भी उतना ही महत्वपूर्ण जितना की कमाना। इस आर्टिकल में हम पर्सनल फाइनेंस और 50/30/20 रूल के बारे में जानेंगे जो सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट क्या है

आज के टाइम में हर किसी को पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट के बारे में सोचना चाहिए। लोग कमा तो लेते हैं पर उनमें से कितने लोग है जो पैसे को मैनेज करते हैं। 90 प्रतिशत लोग सिर्फ कमाते हैं और उसे खर्च करते हैं जिसकी वजह से वो न तो पैसा बचा पाते हैं और न ही जरुरत के वक़्त उनके पास पैसा होता है इसलिए पैसो को मैनेज करना बहुत जरुरी है। जब हम पैसो को मैनेज करना सीख जातें हैं और पैसे को इस तरह मैनेज करते हैं कि पैसा ही हमें खुद पैसा दे तो इसे ही पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट कहते हैं। ऐसा करके आप फाइनेंसियल फ्री हो सकते हैं।

पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट कैसे करें 

पर्सनल फाइनेंस को मैनेज करने के लिए सबसे जरुरी बात जो है वो ये है कि आपका कैश इनफ्लो कैसा है। कैश इनफ्लो के हिसाब से ही आप कैश को मैनेज कर सकते हैं। लेकिन आपको कुछ बातों के हिसाब से आप पर्सनल फाइनेंस को मैनेज कर सकते हैं जो निम्न हैं –

1. बजट 

बजट एक ऐसा word है जिसमें आमदनी और खर्चे दोनों शामिल होते हैं। अब आप इस आमदनी और खर्चे के बीच कुछ इस तरह सामंजस्य बैठाना है कि आपके खर्चों के बाद भी आप अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा इन्वेस्ट कर सकें और बचत कर सकें। बजट ज्यादा होगा तो ये इन्वेस्टिंग और सेविंग भी ज्यादा होगी और उससे होने वाला लाभ भी बड़े होंगे लेकिन अगर कम आमदनी है तो आप उतना ही उस हिसाब से इसे मैनेज करें कि आप अपना कुछ हिस्सा तो इन्वेस्ट कर पायें।

2. फाइनेंसियल गोल्स निर्धरित करें 

ये आपकी तय करना होगा की आप अपनी बजट का कितना हिस्सा इन्वेस्ट करना चाहते हैं पर फिर भी उसके लिए आपको गोल्स निर्धारित करने की जरूरत होगी। जैसे आपको अगले 6 महीने में कितना फाइनेंसियल डेवलप्ड होना है। गोल सेट करने के लिए आपको अपने बजट और खर्चे का जरूर ध्यान रखना होगा। छोटे-छोटे गोल का निर्धारण करें जैसे नेक्स्ट मंथ मेरी इन्वेस्टमेंट मेरी आज की इन्वेस्टमेंट से बड़ी होगी।

3. पैसे को रीइन्वेस्ट करें

कुछ लोगों की आदत होती है कि वो पैसा इन्वेस्ट करने के बाद कुछ दिन में ही अपना लाभ निकलकर उसे सेविंग खाते में जमा करा देते हैं या फिर उसे अपनी शौक या घूमने-फिरने में खर्च कर देते हैं। लेकिन ये करना गलत है आप अपने पैसे को रीइन्वेस्ट करें और उससे जो लाभ आये उसका कुछ हिस्सा अपने शौक या घूमने-फिरने में खर्च करना चाहिए क्योकि इससे जो पैसा आपने इन्वेस्ट किया है वो पैसा अभी भी आपके साथ ही होगा।

4. टैक्स सेविंग योजनाओं में इन्वेस्टमेंट

आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि आम के आम और घुटलियों के दाम ये कुछ वैसा ही है। जब आप कुछ ऐसी टैक्स सेविंग योजनाओं में इन्वेस्ट करते है तो आप अपना टैक्स तो बचाते ही हैं लेकिन आप अपने आपको और फैमिली को भी insured कर लेते हो। फिर चाहे वो हेल्थ रिलेटेड हो या फिर एक्सीडेंटल या फिर बच्चों और परिवार के भविष्य की बात हो।

5. रैकरिंग इनकम जनरेट करना 

आजकल ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट इतना आसान और असरदार हो गया है कि आप अपने पैसों को उनमें इन्वेस्ट करने पर वो आपको रैकरिंग इनकम जनरेट करके देता है। ऐसे में आप अपना पैसा से पैसा कमा सकते हैं।

पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट

50/30/20 रूल 

सीनियर एलिज़ाबेथ वारेन ने अपनी किताब All your worth: the ultimate lifetime money plan में 50/30/20 रूल का ज़िक्र किया है। ये रूल आपकी लाइफ में पैसो की वजह से होने वाली प्रॉब्लम को एक दम ख़त्म कर सकता है अगर आप इस रूल को फॉलो करते है तो। ये रूल क्या है ? इसकी जानकारी लेते हैं -इस रूल के अंदर आपको तीन अलग अकाउंट बनाने की जरूरत है जिसमे आप निम्न तरह से इन्वेस्ट करें –

  • 50 NEEDS   – यहाँ 50 का मतलब यह है कि आप अपनी आय का 50 प्रतिशत अपने आवश्यक चीजों पर खर्च करें। मतलब ये वो हिस्सा है जहाँ आप अपने और अपने परिवार के खर्चे और उससे जुडी डेली बेसिस की जरूरतों को पूरा करते हैं। इसमें शिक्षा, घरलू खर्चे, बीमारी और तमाम ऐसी चीजें जो आपकी जरुरत है उनको अपनी आय के 50 प्रतिशत में शामिल करें।
  • 30 WANTS  – यहाँ 30 का मतलब यह है कि आप अपनी आय का 30 प्रतिशत आप अपने शौक, घूमना-फिरना या लाइफ स्टाइल से रिलेटेड कुछ खरीदना हो उसके लिए इन पेसो को जोड़े। आय की 30 प्रतिशत आपकी लाइफ स्टाइल और जीने के स्टैण्डर्ड को आसान बना देगा।
  • 20 SAVINGS – यहाँ 20 का मतलब 20 प्रतिशत से है जो आप अपनी आय में से निकलोगे। इस पैसो को आपको इन्वेस्ट करना है जैसे – म्यूच्यूअल फण्ड, स्टॉक मार्किट या सिप में या रियल एस्टेट। ये इन्वेस्टमेंट लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट होगी और ये इन्वेस्टमेंट आपको लगातार करनी होगी। ये इन्वेस्टमेन्ट ही एक रेकरिंग इन्वेस्टमेंट का साधन बनेगी और आप आगे चलकर फाइनेंसियल फ्री करेगी।

पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट के फायदे 

पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट अगर आप करते है तो इसके फायदे बहुत है जिसे आप कुछ टाइम बाद ही फील करने लग जाओगे। ये फायदे निम्न हैं –

  1. आपके पास धन की कभी कमी नहीं आयेगी।
  2. आपके पास इमरजेंसी फण्ड हमेशा रहेगा जिससे आपको किसी से ऋण कभी नहीं मांगना पड़ेगा।
  3. आप अपने शोक और घूमना-फिरने के साथ वो सब कर पायेंगे जिसे आप जीना चाहते हैं।
  4. इन्वेस्टमेंट करने से आप अपने धन में कुछ टाइम बाद काफी मुनाफा पाएंगे।
  5. टैक्स बेनिफिट के साथ आप अपनों के भविष्य का ख्याल भी रख पाएंगे।
  6. जब आप सो रह होंगे तब ही आपका पैसा आपके लिए पैसा बना रहा होगा।
  7. आपका लाइफ एक बैलेंसिंग लाइफ रहेगी जिससे आप थोड़े टाइम बाद ही फाइनेंसियल फ़्रीडम महसूस करोगे।

निष्कर्ष

पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट एक ऐसा मैनजमेंट है जिसमें आपकी एक सोच को बदलने से आप अपनी पूरी लाइफ को चेंज कर जाते हैं।  इससे पहले आप उन्हीं पैसों में बस जी रहे थे वहां एक रूल को फॉलो करने से आप अपने पैसों को एक प्लान के साथ उसका काम बदल सकते हैं। अपनी लाइफ में चेंज कर सकते हैं, अब आपको रैकरिंग इनकम के साथ अपनी फैमिली का भविष्य अच्छा कर सकते हैं।

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